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आसमान-ए-यास पर खोया सितारा ढूँढना | शाही शायरी
aasman-e-yas par khoya sitara DhunDhna

ग़ज़ल

आसमान-ए-यास पर खोया सितारा ढूँढना

तनवीर अंजुम

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आसमान-ए-यास पर खोया सितारा ढूँढना
है दिल-ए-आज़ुर्दा को चेहरा तुम्हारा ढूँढना

बहर-ए-हस्ती से कहूँ इक पल ज़रा इक पल ठहर
एक आहिस्ता क़दम बस है किनारा ढूँढना

इस ग़म-ए-दौराँ की तारीकी में ऐ जान-ए-सहर
दिल हमारा खो गया है दिल हमारा ढूँढना

अजनबी चेहरों के पीछे है छिपी रह आत्मा
उन नज़ारों से उधर है इक नज़ारा ढूँढना

ऐ शब-ए-ग़म छोड़ दे दामन-सरा है अब मुझे
नींद से उठना वो ख़्वाबीदा शरारा ढूँढना

रूह पर भारी रहा बार-ए-हयात-ए-शर्मसार
कारवाँ में अब न तुम हम को दोबारा ढूँढना

राह-ए-नौ पर गामज़न ऐ शहसवार-ए-तेज़-रौ
बर्ग-ए-गोर-ए-कोहना में इक इस्तिआरा ढूँढना

वो तअ'ल्लुक़ तुझ से है दिल को कि ऐ मर्ग-ए-अज़ीज़
राह में आँखें बिछा तेरा इशारा ढूँढना