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आशिक़ के मुख पे नैन के पानी को देख तूँ | शाही शायरी
aashiq ke mukh pe nain ke pani ko dekh tun

ग़ज़ल

आशिक़ के मुख पे नैन के पानी को देख तूँ

वली मोहम्मद वली

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आशिक़ के मुख पे नैन के पानी को देख तूँ
इस आरसी में राज़-ए-निहानी कूँ देख तूँ

सुन बे-क़रार दिल की अवल आह-ए-शोला-ख़ेज़
तब इस हरफ़ में दिल के मआनी कूँ देख तूँ

ख़ूबी सूँ तुझ हुज़ूर ओ शमा दम-ज़नी में है
उस बे-हया की चर्ब-ज़बानी कूँ देख तूँ

दरिया पे जा के मौज-ए-रवाँ पर नज़र न कर
अंझुवाँ की मेरे आ के रवानी कूँ देख तूँ

तुझ शौक़ का जो दाग़ 'वली' के जिगर में है
बे-ताक़ती में उस की निशानी कूँ देख तूँ