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आप से वाबस्तगी क्या ख़ूब है | शाही शायरी
aap se wabastagi kya KHub hai

ग़ज़ल

आप से वाबस्तगी क्या ख़ूब है

फ़ारूक़ रहमान

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आप से वाबस्तगी क्या ख़ूब है
आप हैं तो ज़िंदगी क्या ख़ूब है

आप से मिल कर मिले दिल को सुकून
आप की मौजूदगी क्या ख़ूब है

आप ने पैग़ाम भेजा है हमें
आप की ये दिल-लगी क्या ख़ूब है

आप हैं बस आप हैं बस आप हैं
आलम-ए-दीवानगी क्या ख़ूब है

सर झुकाया तो उठाया ही नहीं
आशिक़ों की बंदगी क्या ख़ूब है

चाँदनी जुगनू सितारे और किरन
नूर की सूरत गिरी क्या ख़ूब है

आप को लगता है 'फ़ारूक़' अजनबी
आप की भी सादगी क्या ख़ूब है