आप कहें तो गुलशन है
वर्ना दिल इक मदफ़न है
आग लगी है साँसों में
हाए ये कैसा सावन है
उन से मेरी बात न पूछ
उन से मेरी अन-बन है
पंछी पंछी सहम गया
दोस्त ये अच्छा गुलशन है
तारीकी मिट जाएगी
मिशअल मिशअल रौशन है
वक़्त की हर आवाज़ 'ज़फ़र'
मेरे दिल की धड़कन है
ग़ज़ल
आप कहें तो गुलशन है
अहमद ज़फ़र