आप का दिल क्या मिरे दिल से मिला
माह-ए-कामिल शम-ए-महफ़िल से मिला
उस का मिलना जानते थे सहल हम
कितनी दिक़्क़त कितनी मुश्किल से मिला
लुत्फ़ उस का ज़ुल्म उस का देखिए
मुझ से मिल कर सारी महफ़िल से मिला
चोर ऐसा मुख़्बिर ऐसा चाहिए
मुझ को दिलबर का पता दिल से मिला
अब से कुछ मिलने-मिलाने का मज़ा
आप का दिल 'नूह' के दिल से मिला
ग़ज़ल
आप का दिल क्या मिरे दिल से मिला
नूह नारवी