आख़िरी हिचकी लेगा कौन
मेरी जंग लड़ेगा कौन
मेरा लहजा धीमा है
मेरी बात सुनेगा कौन
सुर्ख़ कबूतर ज़र्द मुंडेर
ये तारीख़ लिखेगा कौन
शायद हम पर वक़्त आए
पहला वार करेगा कौन
इतनी ख़ामोशी के बा'द
दिल की बात कहेगा कौन
मैं ने दामन झाड़ दिया
इतना दर्द सहेगा कौन
अनहोनी की होनी देख
दूसरी बार मिलेगा कौन

ग़ज़ल
आख़िरी हिचकी लेगा कौन
राहिल बुख़ारी