आज वीरान अपना घर देखा
तो कई बार झाँक कर देखा
पाँव टूटे हुए नज़र आए
एक ठहरा हुआ खंडर देखा
रास्ता काट कर गई बिल्ली
प्यार से रास्ता अगर देखा
नालियों में हयात देखी है
गालियों में बड़ा असर देखा
उस परिंदे को चोट आई तो
आप ने एक एक पर देखा
हम खड़े थे कि ये जमी होगी
चल पड़ी तो इधर उधर देखा
ग़ज़ल
आज वीरान अपना घर देखा
दुष्यंत कुमार