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आज वीरान अपना घर देखा | शाही शायरी
aaj viran apna ghar dekha

ग़ज़ल

आज वीरान अपना घर देखा

दुष्यंत कुमार

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आज वीरान अपना घर देखा
तो कई बार झाँक कर देखा

पाँव टूटे हुए नज़र आए
एक ठहरा हुआ खंडर देखा

रास्ता काट कर गई बिल्ली
प्यार से रास्ता अगर देखा

नालियों में हयात देखी है
गालियों में बड़ा असर देखा

उस परिंदे को चोट आई तो
आप ने एक एक पर देखा

हम खड़े थे कि ये जमी होगी
चल पड़ी तो इधर उधर देखा