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आह वो कौन था ख़ुदा मारा | शाही शायरी
aah wo kaun tha KHuda mara

ग़ज़ल

आह वो कौन था ख़ुदा मारा

मारूफ़ देहलवी

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आह वो कौन था ख़ुदा मारा
जिस ने उस से मुझे लगा मारा

क्या ग़ज़ब थी वो जुम्बिश-ए-अबरू
साफ़ जैसे कि नीमचा मारा

बा'द मुद्दत मिले थे कल उन से
आज लोगों ने फिर लगा मारा

वस्ल की शब भी मैं न सोया आह
रोज़-ए-हिज्र उन के ख़ौफ़ का मारा

पा के मर्ज़ी खुला जो बातों में
ये हँसाया कि बस लुटा मारा

जिन्स-ए-सब्र-ओ-ख़िरद लुटे 'मारूफ़'
मुल्क-ए-दिल फ़ौज-ए-ग़म ने आ मारा