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आह मैं बे-क़रार किस का हूँ | शाही शायरी
aah main be-qarar kis ka hun

ग़ज़ल

आह मैं बे-क़रार किस का हूँ

मीर सोज़

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आह मैं बे-क़रार किस का हूँ
कुश्ता-ए-इंतिज़ार किस का हूँ

तीर सा दिल में कुछ खटकता है
देखियो मैं शिकार किस का हूँ

दिल है या मैं हूँ मैं हूँ या दिल है
और अब हम-कनार किस का हूँ

चैन आता नहीं मुझे यारो
दिल-ए-पुर-इज़्तिरार किस का हूँ

चाक है मिस्ल-ए-गुल तमाम बदन
या रब इतना फ़िगार किस का हूँ

'सोज़' मैं जो कहा कहाँ था यार
बोला चल बे मैं यार किस का हूँ