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Mizah शायरी | शाही शायरी

Mizah

16 शेर

जब भी वालिद की जफ़ा याद आई
अपने दादा की ख़ता याद आई

मोहम्मद यूसुफ़ पापा




हर मुल्क इस के आगे झुकता है एहतिरामन
हर मुल्क का है फ़ादर हिन्दोस्ताँ हमारा

शौक़ बहराइची