जब भी वालिद की जफ़ा याद आई
अपने दादा की ख़ता याद आई
मोहम्मद यूसुफ़ पापा
हर मुल्क इस के आगे झुकता है एहतिरामन
हर मुल्क का है फ़ादर हिन्दोस्ताँ हमारा
शौक़ बहराइची
16 शेर
जब भी वालिद की जफ़ा याद आई
अपने दादा की ख़ता याद आई
मोहम्मद यूसुफ़ पापा
हर मुल्क इस के आगे झुकता है एहतिरामन
हर मुल्क का है फ़ादर हिन्दोस्ताँ हमारा
शौक़ बहराइची