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Mizah शायरी | शाही शायरी

Mizah

16 शेर

क्या पूछते हो 'अकबर'-ए-शोरीदा-सर का हाल
ख़ुफ़िया पुलिस से पूछ रहा है कमर का हाल

अकबर इलाहाबादी




लिपट भी जा न रुक 'अकबर' ग़ज़ब की ब्यूटी है
नहीं नहीं पे न जा ये हया की ड्यूटी है

अकबर इलाहाबादी




तअल्लुक़ आशिक़ ओ माशूक़ का तो लुत्फ़ रखता था
मज़े अब वो कहाँ बाक़ी रहे बीवी मियाँ हो कर

अकबर इलाहाबादी




लॉन्ड्री खोली थी उस के इश्क़ में
पर वो कपड़े हम से धुलवाता नहीं

अख़्तर शीरानी




सिर्फ़ मेहनत क्या है 'अनवर' कामयाबी के लिए
कोई ऊपर से भी टेलीफ़ोन होना चाहिए

अनवर मसूद




उर्दू से हो क्यूँ बेज़ार इंग्लिश से क्यूँ इतना प्यार
छोड़ो भी ये रट्टा यार ट्विंकल ट्विंकल लिटिल स्टार

अनवर मसूद




है कामयाबी-ए-मर्दां में हाथ औरत का
मगर तू एक ही औरत पे इंहिसार न कर

अज़ीज़ फ़ैसल