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दिल-लगी शायरी | शाही शायरी

दिल-लगी

8 शेर

बेहतर तो है यही कि न दुनिया से दिल लगे
पर क्या करें जो काम न बे-दिल-लगी चले

शेख़ इब्राहीम ज़ौक़