EN اردو
बिजली शायरी | शाही शायरी

बिजली

9 शेर

फ़रेब-ए-रौशनी में आने वालो मैं न कहता था
कि बिजली आशियाने की निगहबाँ हो नहीं सकती

शफ़ीक़ जौनपुरी




ये अब्र है या फ़ील-ए-सियह-मस्त है साक़ी
बिजली के जो है पाँव में ज़ंजीर हवा पर

शाह नसीर