नासेह बग़ल में आ कर दुश्मन हुआ हमारा
जाएगा कब इलाही मज्लिस से ख़ार दिल का
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम
नासेह बग़ल में आ कर दुश्मन हुआ हमारा
जाएगा कब इलाही मज्लिस से ख़ार दिल का
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम
नासूर की सिफ़त है न होगा कभू वो बंद
जर्राह ज़ख़्म-ए-इश्क़ कूँ आ कर सिया तो क्या
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम
नहीं है शिकवा अगर वो नज़र नहीं आता
किसू ने देखी नहीं अपनी जान की सूरत
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम
नहीं है शिकवा अगर वो नज़र नहीं आता
किसू ने देखी नहीं अपनी जान की सूरत
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम
नमाज़ियों ने तुझ अबरू को देख मस्जिद में
ब-सम्त-ए-क़िबला सुजूद-ओ-क़याम भूल गए
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम
नमक-ए-हुस्न का सुनता हूँ तिरे जूँ जूँ शोर
तूँ तूँ मिलने की मिरे दिल में हवस आती है
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम