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2 लाइन शायरी शायरी | शाही शायरी

2 लाइन शायरी

22761 शेर

मुझे क्या देख कर तू तक रहा है
तिरे हाथों कलेजा पक रहा है

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम




मुझे तावीज़ लिख दो ख़ून-ए-आहू से कि ऐ स्यानो
तग़ाफ़ुल टोटका है और जादू है नज़र उस की

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम




मुझे तावीज़ लिख दो ख़ून-ए-आहू से कि ऐ स्यानो
तग़ाफ़ुल टोटका है और जादू है नज़र उस की

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम




मुल्क-ए-अदम से दहर के मातम-कदे के बीच
आया न कौन कौन कि रोना न रो गया

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम




न कुछ सितम से तिरे आह आह करता हूँ
मैं अपने दिल की मदद गाह गाह करता हूँ

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम




न कुछ सितम से तिरे आह आह करता हूँ
मैं अपने दिल की मदद गाह गाह करता हूँ

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम




न मैं ने कुछ कहा तुझ से न तू ने मुझ से कुछ पूछा
यूँही दिन रात मिलते मुझ को तुझ को मेरी जाँ गुज़रा

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम