दूर तक फ़ज़ाओं में
ये कशीदगी क्यूँ है
शाहिद अज़ीज़
इस रंग बदलती दुनिया में पहचान बड़ी ही मुश्किल है
ये किस को ख़बर है ऐ 'शाहिद' किस भेस में कौन लुटेरा है
शाहिद ग़ाज़ी
माझी ने डुबोया है लहरों ने उछाला है
गर्दिश के समुंदर का दस्तूर निराला है
शाहिद ग़ाज़ी
माझी ने डुबोया है लहरों ने उछाला है
गर्दिश के समुंदर का दस्तूर निराला है
शाहिद ग़ाज़ी
मुफ़लिसों की बस्ती को बेकसी ने घेरा है
हर तरफ़ उदासी है ज़ुल्मतों का डेरा है
शाहिद ग़ाज़ी
तेरी फ़य्याज़ी के थे चर्चे बहुत मैं ने सुने
फिर भी तेरे मय-कदे से तिश्ना-काम आया हूँ मैं
शाहिद ग़ाज़ी
तेरी फ़य्याज़ी के थे चर्चे बहुत मैं ने सुने
फिर भी तेरे मय-कदे से तिश्ना-काम आया हूँ मैं
शाहिद ग़ाज़ी