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वाजिद अली शाह अख़्तर शायरी | शाही शायरी

वाजिद अली शाह अख़्तर शेर

11 शेर

याद में अपने यार-ए-जानी की
हम ने मर मर के ज़िंदगानी की

वाजिद अली शाह अख़्तर




यही तशवीश शब-ओ-रोज़ है बंगाले में
लखनऊ फिर कभी दिखलाए मुक़द्दर मेरा

वाजिद अली शाह अख़्तर