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सहबा अख़्तर शायरी | शाही शायरी

सहबा अख़्तर शेर

11 शेर

सुबूत माँग रहे हैं मिरी तबाही का
मुझे तबाह किया जिन की कज-अदाई ने

सहबा अख़्तर




तुम ने कहा था चुप रहना सो चुप ने भी क्या काम किया
चुप रहने की आदत ने कुछ और हमें बदनाम किया

सहबा अख़्तर