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महेंद्र कुमार सानी शायरी | शाही शायरी

महेंद्र कुमार सानी शेर

12 शेर

तुझे रौशनी से जुदा करूँ किसी शाम मैं
तुझे इतनी ताब में देखना नहीं हो रहा

महेंद्र कुमार सानी




उसे मैं दूर ही से देखता रहा 'सानी'
जो आज पानी में उतरा हूँ तो खुला दरिया

महेंद्र कुमार सानी




यक़ीनन सोचता होगा वो मुझ को
उसे मैं ने अभी सोचा नहीं है

महेंद्र कुमार सानी