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करामत बुख़ारी शायरी | शाही शायरी

करामत बुख़ारी शेर

10 शेर

ज़रूरी तो नहीं इक फ़स्ल-ए-गुल हो
जुनूँ के और भी मौसम बहुत हैं

करामत बुख़ारी