मैं चाहता हूँ मोहब्बत मुझे फ़ना कर दे
फ़ना भी ऐसा कि जिस की कोई मिसाल न हो
जव्वाद शैख़
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मैं इस ख़याल से जाते हुए उसे न मिला
कि रोक लें न कहीं सामने खड़े आँसू
जव्वाद शैख़
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नहीं ऐसा भी कि यकसर नहीं रहने वाला
दिल में ये शोर बराबर नहीं रहने वाला
जव्वाद शैख़
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टूटने पर कोई आए तो फिर ऐसा टूटे
कि जिसे देख के हर देखने वाला टूटे
जव्वाद शैख़
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ये ना-गुज़ीर है उम्मीद की नुमू के लिए
गुज़रता वक़्त कहीं थम गया तो क्या होगा?
जव्वाद शैख़
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