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जाँ निसार अख़्तर शायरी | शाही शायरी

जाँ निसार अख़्तर शेर

28 शेर

आँखों में जो भर लोगे तो काँटों से चुभेंगे
ये ख़्वाब तो पलकों पे सजाने के लिए हैं

जाँ निसार अख़्तर