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फ़ज़्ल ताबिश शायरी | शाही शायरी

फ़ज़्ल ताबिश शेर

10 शेर

ये सूरज क्यूँ भटकता फिर रहा है
मिरे अंदर उतर जाता तो सोता

फ़ज़्ल ताबिश