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फ़े सीन एजाज़ शायरी | शाही शायरी

फ़े सीन एजाज़ शेर

12 शेर

मिल रही है मुझे ना-कर्दा गुनाहों की सज़ा
मेरे मालिक मिरे सज्दे मुझे वापस कर दे

फ़े सीन एजाज़




मिरा रोता बच्चा बहलता था जिस से
वो लकड़ी का हाथी उठा ले गया वो

फ़े सीन एजाज़




तुझ को मंज़ूर नहीं मुझ को है अब भी मंज़ूर
मेरी क़ुर्बत मिरे बोसे मुझे वापस कर दे

फ़े सीन एजाज़