EN اردو
फ़ारूक़ शफ़क़ शायरी | शाही शायरी

फ़ारूक़ शफ़क़ शेर

10 शेर

ज़ेहन की आवारगी को भी पनाहें चाहिए
यूँ न शम्ओं को किसी दहलीज़ पर रख कर बुझा

फ़ारूक़ शफ़क़