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फ़राग़ रोहवी शायरी | शाही शायरी

फ़राग़ रोहवी शेर

20 शेर

हम से तहज़ीब का दामन नहीं छोड़ा जाता
दश्त-ए-वहशत में भी आदाब लिए फिरते हैं

फ़राग़ रोहवी




दिमाग़ अहल-ए-मोहब्बत का साथ देता नहीं
उसे कहो कि वो दिल के कहे में आ जाए

फ़राग़ रोहवी