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फ़हीम जोगापुरी शायरी | शाही शायरी

फ़हीम जोगापुरी शेर

13 शेर

शाम ख़ामोश है पेड़ों पे उजाला कम है
लौट आए हैं सभी एक परिंदा कम है

फ़हीम जोगापुरी




तेरी यादें हो गईं जैसे मुक़द्दस आयतें
चैन आता ही नहीं दिल को तिलावत के बग़ैर

फ़हीम जोगापुरी




तुम्हारी याद से ये रात कितनी रौशन है
नज़र में इतने हैं जुगनू कि हम गिनाएँ क्या

फ़हीम जोगापुरी




वाक़िफ़ कहाँ ज़माना हमारी उड़ान से
वो और थे जो हार गए आसमान से

फ़हीम जोगापुरी