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दिवाकर राही शायरी | शाही शायरी

दिवाकर राही शेर

16 शेर

इस इंतिज़ार में बैठे हैं उन की महफ़िल में
कि वो निगाह उठाएँ तो हम सलाम करें

दिवाकर राही




इस से पहले कि लोग पहचानें
ख़ुद को पहचान लो तो बेहतर है

दिवाकर राही




सवाल ये है कि इस पुर-फ़रेब दुनिया में
ख़ुदा के नाम पे किस किस का एहतिराम करें

दिवाकर राही




सोचने की ये बात है 'राही'
सोचते ही रहे तो क्या होगा

दिवाकर राही




वक़ार-ए-ख़ून-ए-शहीदान-ए-कर्बला की क़सम
यज़ीद मोरचा जीता है जंग हारा है

दिवाकर राही




वक़्त बर्बाद करने वालों को
वक़्त बर्बाद कर के छोड़ेगा

दिवाकर राही




वक़्त को बस गुज़ार लेना ही
दोस्तो कोई ज़िंदगानी है

दिवाकर राही