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बक़ा बलूच शायरी | शाही शायरी

बक़ा बलूच शेर

12 शेर

सिर्फ़ मौसम के बदलने ही पे मौक़ूफ़ नहीं
दर्द भी सूरत-ए-हालात बता देता है

बक़ा बलूच




तू ख़ुश है अपनी दुनिया में
मैं तिरी याद में जलता हूँ

बक़ा बलूच




ज़िंदगी से ज़िंदगी रूठी रही
आदमी से आदमी बरहम रहा

बक़ा बलूच