छोटे छोटे कई बे-फ़ैज़ मफ़ादात के साथ
लोग ज़िंदा हैं अजब सूरत-ए-हालात के साथ
ऐतबार साजिद
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
भीड़ है बर-सर-ए-बाज़ार कहीं और चलें
आ मिरे दिल मिरे ग़म-ख़्वार कहीं और चलें
ऐतबार साजिद
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
बरसों ब'अद हमें देखा तो पहरों उस ने बात न की
कुछ तो गर्द-ए-सफ़र से भाँपा कुछ आँखों से जान लिया
ऐतबार साजिद
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
अजब नशा है तिरे क़ुर्ब में कि जी चाहे
ये ज़िंदगी तिरी आग़ोश में गुज़र जाए
ऐतबार साजिद
टैग:
| 2 लाइन शायरी |