वो रात आए कि सर तेरा ले के बाज़ू पर
तुझे सुलाऊँ बयाँ कर के मैं फ़साना-ए-इश्क़
अहमद हुसैन माइल
है हुक्म-ए-आम इश्क़ अलैहिस-सलाम का
पूजो बुतों को भेद कुछ इन में ख़ुदा के हैं
अहमद हुसैन माइल
अगरचे वो बे-पर्दा आए हुए हैं
छुपाने की चीज़ें छुपाए हुए हैं
अहमद हुसैन माइल
बंद-ए-क़बा में बाँध लिया ले के दिल मिरा
सीने पे उस के फूल खिला है गुलाब का
अहमद हुसैन माइल
चाक-ए-दिल से झाँकिए दुनिया इधर से दीन उधर
देखिए सब का तमाशा इस शिगाफ़-ए-दर से आप
अहमद हुसैन माइल
दुनिया ने मुँह पे डाला है पर्दा सराब का
होते हैं दौड़ दौड़ के तिश्ना-दहन ख़राब
अहमद हुसैन माइल
दूर से यूँ दिया मुझे बोसा
होंट की होंट को ख़बर न हुई
अहमद हुसैन माइल
ग़ैर का हाल तो कहता हूँ नुजूमी बन कर
आप-बीती नहीं मालूम वो नादान हूँ मैं
अहमद हुसैन माइल
गर बस चले तो आप फिरूँ अपने गर्द मैं
का'बे को जा के कौन हो ऐ जान-ए-मन ख़राब
अहमद हुसैन माइल