यही बहुत थे मुझे नान ओ आब ओ शम्अ ओ गुल
सफ़र-नज़ाद था अस्बाब मुख़्तसर रक्खा
अफ़ज़ाल अहमद सय्यद
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यही बहुत थे मुझे नान ओ आब ओ शम्अ ओ गुल
सफ़र-नज़ाद था अस्बाब मुख़्तसर रक्खा
अफ़ज़ाल अहमद सय्यद