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आदिल मंसूरी शायरी | शाही शायरी

आदिल मंसूरी शेर

38 शेर

खिड़की ने आँखें खोली
दरवाज़े का दिल धड़का

आदिल मंसूरी




ख़ुद-ब-ख़ुद शाख़ लचक जाएगी
फल से भरपूर तो हो लेने दो

आदिल मंसूरी