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श्री कृष्ण शायरी | शाही शायरी

श्री कृष्ण

6 शेर

वो रातों-रात 'सिरी-कृष्ण' को उठाए हुए
बला की क़ैद से 'बसदेव' का निकल जाना

फ़िराक़ गोरखपुरी




'हसरत' की भी क़ुबूल हो मथुरा में हाज़िरी
सुनते हैं आशिक़ों पे तुम्हारा करम है आज

हसरत मोहानी




पैग़ाम-ए-हयात-ए-जावेदाँ था
हर नग़्मा-ए-कृष्ण बाँसुरी का

हसरत मोहानी




पैग़ाम-ए-हयात-ए-जावेदाँ था
हर नग़्मा-ए-कृष्ण बाँसुरी का

हसरत मोहानी




बृन्दाबन के कृष्ण कन्हैया अल्लाह हू
बंसी राधा गीता गय्या अल्लाह हू

निदा फ़ाज़ली




दीवार-ओ-दर पे कृष्ण की लीला के नक़्श हैं
मंदिर है ये तो 'कृष्ण' के दरबार की तरह

शोभा कुक्कल