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आशिक शायरी | शाही शायरी

आशिक

1 शेर

अनोखी वज़्अ' है सारे ज़माने से निराले हैं
ये आशिक़ कौन सी बस्ती के या-रब रहने वाले हैं

अल्लामा इक़बाल