EN اردو
Aabla शायरी | शाही शायरी

Aabla

2 शेर

दोनों का मिलना मुश्किल है दोनों हैं मजबूर बहुत
उस के पाँव में मेहंदी लगी है मेरे पाँव में छाले हैं

अमीक़ हनफ़ी




सफ़र में हर क़दम रह रह के ये तकलीफ़ ही देते
बहर-सूरत हमें इन आबलों को फोड़ देना था

अंजुम इरफ़ानी