EN اردو
वली शम्सी शायरी | शाही शायरी

वली शम्सी शेर

1 शेर

बिगाड़ना सँवारना है वक़्त के मिज़ाज पर
जो ठोकरों में था वो अब गले का हार हो गया

वली शम्सी