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वजीह सानी शायरी | शाही शायरी

वजीह सानी शेर

1 शेर

'सानी' फ़क़त तुम्हारा लिखा जिन ख़ुतूत पर
वो तो कभी के ज़ाएद-उल-मीआ'द हो गए

वजीह सानी