'सानी' फ़क़त तुम्हारा लिखा जिन ख़ुतूत पर 
वो तो कभी के ज़ाएद-उल-मीआ'द हो गए
वजीह सानी
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'सानी' फ़क़त तुम्हारा लिखा जिन ख़ुतूत पर 
वो तो कभी के ज़ाएद-उल-मीआ'द हो गए
वजीह सानी