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उर्मिलामाधव शायरी | शाही शायरी

उर्मिलामाधव शेर

1 शेर

ज़िंदगी राज़ी नहीं थी ग़म उठाने के लिए
हम चले आए यहाँ तक मुस्कुराने के लिए

उर्मिलामाधव