ज़िंदगी राज़ी नहीं थी ग़म उठाने के लिए
हम चले आए यहाँ तक मुस्कुराने के लिए
उर्मिलामाधव
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ज़िंदगी राज़ी नहीं थी ग़म उठाने के लिए
हम चले आए यहाँ तक मुस्कुराने के लिए
उर्मिलामाधव