क्या मौसमों के टूटते रिश्तों का ख़ौफ़ है
शीशे सजा लिए हैं सभी ने दुकान पर
सय्यद अारिफ़
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क्या मौसमों के टूटते रिश्तों का ख़ौफ़ है
शीशे सजा लिए हैं सभी ने दुकान पर
सय्यद अारिफ़