अपनी मिट्टी है कहाँ की क्या ख़बर बाद-ए-सबा
हो परेशाँ देखिए किस किस जगह मुश्त-ए-ग़ुबार
सुरूर जहानाबादी
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बजाए मय दिया पानी का इक गिलास मुझे
समझ लिया मिरे साक़ी ने बद-हवास मुझे
सुरूर जहानाबादी
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