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सुहा मुजद्ददी शायरी | शाही शायरी

सुहा मुजद्ददी शेर

1 शेर

होता है मिरे दिल में हसीनों का गुज़र भी
इक अंजुमन-ए-नाज़ है अल्लाह का घर भी

सुहा मुजद्ददी