होता है मिरे दिल में हसीनों का गुज़र भी
इक अंजुमन-ए-नाज़ है अल्लाह का घर भी
सुहा मुजद्ददी
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होता है मिरे दिल में हसीनों का गुज़र भी
इक अंजुमन-ए-नाज़ है अल्लाह का घर भी
सुहा मुजद्ददी