उर्यां न वो नहाया हम्माम हो कि दरिया
चश्म-ए-हुबाब ने भी उस का बदन न देखा
शऊर बलगिरामी
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उर्यां न वो नहाया हम्माम हो कि दरिया
चश्म-ए-हुबाब ने भी उस का बदन न देखा
शऊर बलगिरामी