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शौक़ क़िदवाई शायरी | शाही शायरी

शौक़ क़िदवाई शेर

1 शेर

इतरा के आईना में चिढ़ाते थे अपना मुँह
देखा मुझे तो झेंप गए मुँह छुपा लिया

शौक़ क़िदवाई