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शनावर इस्हाक़ शायरी | शाही शायरी

शनावर इस्हाक़ शेर

1 शेर

मैं आ रहा हूँ अभी चूम कर बदन उस का
सुना था आग पे बोसा रक़म नहीं होता

शनावर इस्हाक़