EN اردو
शकील ग्वालिआरी शायरी | शाही शायरी

शकील ग्वालिआरी शेर

1 शेर

जब उठे तूफ़ाँ तो कोई चीज़ ज़द में हो 'शकील'
हर बुलंदी के लिए इक आबगीना चाहिए

शकील ग्वालिआरी