ज़लज़ले का था सफ़र जिस में की मस्ती हम ने
ख़ुश्क चट्टानों पे दौड़ा दी है कश्ती हम ने
शाहिद जमील
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
1 शेर
ज़लज़ले का था सफ़र जिस में की मस्ती हम ने
ख़ुश्क चट्टानों पे दौड़ा दी है कश्ती हम ने
शाहिद जमील