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शाहिद अज़ीज़ शायरी | शाही शायरी

शाहिद अज़ीज़ शेर

2 शेर

बस्ती में अब कोई नहीं
फैल गई वीरानी क्यूँ

शाहिद अज़ीज़




दूर तक फ़ज़ाओं में
ये कशीदगी क्यूँ है

शाहिद अज़ीज़