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शहाब जाफ़री शायरी | शाही शायरी

शहाब जाफ़री शेर

1 शेर

चले तो पाँव के नीचे कुचल गई कोई शय
नशे की झोंक में देखा नहीं कि दुनिया है

शहाब जाफ़री