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शफ़क़ इमादपुरी शायरी | शाही शायरी

शफ़क़ इमादपुरी शेर

1 शेर

क़यामत से नहीं कम इंतिज़ार-ए-वस्ल की लज़्ज़त
ख़ुदा जाने कहीं वा'दा वफ़ा होता तो क्या होता

शफ़क़ इमादपुरी